MystoreMystore is an ONDC network-connected ecosystem built in India for Indian sellers. Mystore is the first ONDC network participant to connect as a Buyer and Seller NP.  You can register as a seller on Mystore and upload your catalogue. You will have a dedicated Seller page (digi-catalog) along with a Unique QR Code for your page that you can market to your buyers. Your catalogue will also appear on the ONDC network through the Mystore Buyer App and other buyer apps catering to related product domains. Mystore provides a comprehensive seller dashboard to manage your products, orders, and payouts. Mystore also facilitates seamless online shopping across categories with its Mystore Buyer App.https://www.mystore.in/s/62ea2c599d1398fa16dbae0a/66defda954ce55002beebf8c/mystore-logo-480x480.png
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मिलेट ( Millets) मतलब मोटे और सस्ते, वो अनाज(Grains) जिनको आधुनिक शिक्षा प्राप्त  लोगों ने गेंहू (Wheat) की तुलना में तुच्छ  मानकर खाना बंद कर दिया गया। खाना बंद किया तो किसानों ने उगाना बंद कर दिया । गेहूं को लगातार 50 साल खाने के बाद (1970-2020) अधिकांश लोग कब्ज,बवासीर ,फिशर , कैंसर और हार्ट अटैक जैसी तमाम बीमारियों से पीडित होते जा रहे है। इनमें से अधिकांश रोगों का कारण गेंहू और मैदा को ज्यादा खाना और मोटे अनाजों को ना खाना भी एक बड़ा कारण निकल कर सामने आया। जिन लोगों ने फिर से इन मोटे अनाजों को भोजन में शामिल किया तो सबसे पहला फायदा हुआ की लोगों के पेट साफ होने शुरू होने लगे। तमाम तरह के लाभ जिनका विस्तार से वर्णन आयुर्वेद में किया हुआ है, वो समझ आने लगे। इस आधार पर इन मोटे अनाजों को भोजन में शामिल करने का प्रचार प्रसार शुरू हुआ। जिसे अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर (International Millet Year ) के नाम से आजकल खूब प्रचारित किया जा रहा है। कुल मिलाकर इन मोटे अनाजों को भोजन में शामिल करना लाभदायक है। गेंहू, मैदे में चिपचिपा घटक (Gluten) होता है , ये आंतों में चिपक कर , कब्ज का कारण बनता है। मोटे अनाज में Gluten ना होने के कारण इन अनाजों को रोटी बनाने में पड़ी लिखी महिलाओं को थोड़ी मुश्किल आती है । गांव और कम पड़ी लिखी स्वस्थ्य महिलाओं से इन मोटे अनाजों को खाने और बनाने का तरीका दोनो सीखा जा सकता है। Google और आयुर्वेद की किताबों से Millets को खाने के तमाम फायदे जाने जा सकते है। Farmers Pride के माध्यम से छत्तीसगढ , राजस्थान और कर्नाटक के चुने हुये जैविक किसानों से सीमित मात्रा में सभी तरह के Millets उपलब्ध है। Know Your Farmers Know Your Food 200+ Organic Farmers 22+ Years Journey 100+ Certified Organic Products 12+ Indian States https://farmerspride.in/product-category/organic-millets/ Home Delivery Available In All Cities 79 8755 1332,  7225849081 किसान अच्छा उगायेगा। भारत अच्छा खायेगा। छोटी कंगनी (Brown Top Millets) स्वाद में मीठा और थोड़ा कड़वा है। मानसिक तनाव और मधुमेह रोगियों के लिए  उपयोगी है। जोड़ों की सूजन और कोलेस्ट्राल को कम करता है , बच्चों और गर्भावास्था के दौरान होने वाले कब्ज को दूर करता है। तेज बुखार के दौरान होने वाले दौरे को ठीक करता है।पेशाव की जलन को दूर करता है। तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है। कंगनी(Foxtail Millets)प्रोटीन और आयरन भरपूर होने के कारण खून की कमी ( ऐनीमिया) को पूरा करता है। फेफड़ों के ऊतको के लिए आदर्श भोजन है। इसलिए फेफड़ों के कैंसर के लिए बिषेष लाभदायक है। भूख से होने वाले पूर्व दर्द के लिए भी उपयोगी है। कोदो के साथ कंगनी का सेवन सभी तरह के कैंसर रोग में लाभदायक है। सांवा(Barnyard Millets) स्वाद में मीठा है । अग्नाशय और थायरायड के लिए लाभदायक है। भारतवर्ष में उपवास के दौरान सांवा खाने की परंपरा है। आयरन भरपूर होने के कारण बच्चों और महिलाओं के लिए उपयोगी है। इसका सेवन छोटी आंत के अल्सर और बड़ी आंत के कैंसर से बचाता है। कोदो(Kodo Millets) स्वाद में मीठा, कड़वा और तीखा होता है। मधुमेह के लिए उपयोगी है। शरीर की सूजन को कम करता है। रक्त को शुद्ध एवं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। डेंगू,  टाइफाइड और वायरल बुखार से आई कमजोरी को दूर करने में सहायक है। आखों की नसे कमजोर होने पर कोदो आटे का उपयोग सूंघने के लिए भी किया जाता है। कुटकी(Little Millet) स्वाद में मीठा है। अण्डाशय,  शुक्राणु और बांझपन की समस्या को ठीक करता है। भोजन के बाद आने वाली खट्टी डकार , सीने की जलन और गैस की समस्या को ठीक करता है। हार्ट की समस्या, मोटापा और माइग्रेन मे लाभदायक है। ज्वार ( Sorgum Millets) ज्वार में साबुत गेहूं (72) की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (62) होता है, इसलिए इसे रक्त में ग्लूकोज छोड़ने में अधिक समय लगता है। इसलिए, यह रक्त शर्करा के स्तर में स्पाइक्स को रोकने में मदद करता है। ज्वार Gluten मुक्त है।  बाजरा (Pearl Millet) तासीर में गर्म है। सर्दियों में इसका सेवन ज्यादा उपयोगी है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर मोटापा घटाने में मददगार साबित होते हैं। 5 बाजरा में ट्रायप्टोफेन अमीनो एसिड पाया जाता है, जो भूख को कम करता है। इसका सेवन सुबह के नाश्ते में करने से लंबे समय तक आपको भूख नहीं लगती और पेट भरा रहता है। जौ ( Barley) का सेवन करे मोटापे को कम करता है। पाचन को ठीक करता है। पित्त में पथरी  और मधुमेह ठीक करता है। आंत के कैंसर को ठीक करता है।

MS-7A6LLNUDOPWK
INR270In Stock
Farmers Pride
11
Farmers Pride

Organic Barnyad Millet

1000 gram
₹270

Country of originIndia
BrandFarmers Pride
Common nameNA
Net Quantity1000 gram
Included itemsNA
Batch number1
Expiry Date12 month
Weight1000 g
Manufacturer or packer namePrakriti Jareli Farmers Producer Co. Ltd
Manufacturer or packer addressA 130 Nature City Bilaspur CG
Manufacturing Date05/2023
InstructionsNA
Storage conditionsNA
EAN1
contact details consumer care7225849081

मिलेट ( Millets) मतलब मोटे और सस्ते, वो अनाज(Grains) जिनको आधुनिक शिक्षा प्राप्त  लोगों ने गेंहू (Wheat) की तुलना में तुच्छ  मानकर खाना बंद कर दिया गया। खाना बंद किया तो किसानों ने उगाना बंद कर दिया । गेहूं को लगातार 50 साल खाने के बाद (1970-2020) अधिकांश लोग कब्ज,बवासीर ,फिशर , कैंसर और हार्ट अटैक जैसी तमाम बीमारियों से पीडित होते जा रहे है। इनमें से अधिकांश रोगों का कारण गेंहू और मैदा को ज्यादा खाना और मोटे अनाजों को ना खाना भी एक बड़ा कारण निकल कर सामने आया। जिन लोगों ने फिर से इन मोटे अनाजों को भोजन में शामिल किया तो सबसे पहला फायदा हुआ की लोगों के पेट साफ होने शुरू होने लगे। तमाम तरह के लाभ जिनका विस्तार से वर्णन आयुर्वेद में किया हुआ है, वो समझ आने लगे। इस आधार पर इन मोटे अनाजों को भोजन में शामिल करने का प्रचार प्रसार शुरू हुआ। जिसे अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर (International Millet Year ) के नाम से आजकल खूब प्रचारित किया जा रहा है। कुल मिलाकर इन मोटे अनाजों को भोजन में शामिल करना लाभदायक है। गेंहू, मैदे में चिपचिपा घटक (Gluten) होता है , ये आंतों में चिपक कर , कब्ज का कारण बनता है। मोटे अनाज में Gluten ना होने के कारण इन अनाजों को रोटी बनाने में पड़ी लिखी महिलाओं को थोड़ी मुश्किल आती है । गांव और कम पड़ी लिखी स्वस्थ्य महिलाओं से इन मोटे अनाजों को खाने और बनाने का तरीका दोनो सीखा जा सकता है। Google और आयुर्वेद की किताबों से Millets को खाने के तमाम फायदे जाने जा सकते है। Farmers Pride के माध्यम से छत्तीसगढ , राजस्थान और कर्नाटक के चुने हुये जैविक किसानों से सीमित मात्रा में सभी तरह के Millets उपलब्ध है। Know Your Farmers Know Your Food 200+ Organic Farmers 22+ Years Journey 100+ Certified Organic Products 12+ Indian States https://farmerspride.in/product-category/organic-millets/ Home Delivery Available In All Cities 79 8755 1332,  7225849081 किसान अच्छा उगायेगा। भारत अच्छा खायेगा। छोटी कंगनी (Brown Top Millets) स्वाद में मीठा और थोड़ा कड़वा है। मानसिक तनाव और मधुमेह रोगियों के लिए  उपयोगी है। जोड़ों की सूजन और कोलेस्ट्राल को कम करता है , बच्चों और गर्भावास्था के दौरान होने वाले कब्ज को दूर करता है। तेज बुखार के दौरान होने वाले दौरे को ठीक करता है।पेशाव की जलन को दूर करता है। तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है। कंगनी(Foxtail Millets)प्रोटीन और आयरन भरपूर होने के कारण खून की कमी ( ऐनीमिया) को पूरा करता है। फेफड़ों के ऊतको के लिए आदर्श भोजन है। इसलिए फेफड़ों के कैंसर के लिए बिषेष लाभदायक है। भूख से होने वाले पूर्व दर्द के लिए भी उपयोगी है। कोदो के साथ कंगनी का सेवन सभी तरह के कैंसर रोग में लाभदायक है। सांवा(Barnyard Millets) स्वाद में मीठा है । अग्नाशय और थायरायड के लिए लाभदायक है। भारतवर्ष में उपवास के दौरान सांवा खाने की परंपरा है। आयरन भरपूर होने के कारण बच्चों और महिलाओं के लिए उपयोगी है। इसका सेवन छोटी आंत के अल्सर और बड़ी आंत के कैंसर से बचाता है। कोदो(Kodo Millets) स्वाद में मीठा, कड़वा और तीखा होता है। मधुमेह के लिए उपयोगी है। शरीर की सूजन को कम करता है। रक्त को शुद्ध एवं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। डेंगू,  टाइफाइड और वायरल बुखार से आई कमजोरी को दूर करने में सहायक है। आखों की नसे कमजोर होने पर कोदो आटे का उपयोग सूंघने के लिए भी किया जाता है। कुटकी(Little Millet) स्वाद में मीठा है। अण्डाशय,  शुक्राणु और बांझपन की समस्या को ठीक करता है। भोजन के बाद आने वाली खट्टी डकार , सीने की जलन और गैस की समस्या को ठीक करता है। हार्ट की समस्या, मोटापा और माइग्रेन मे लाभदायक है। ज्वार ( Sorgum Millets) ज्वार में साबुत गेहूं (72) की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (62) होता है, इसलिए इसे रक्त में ग्लूकोज छोड़ने में अधिक समय लगता है। इसलिए, यह रक्त शर्करा के स्तर में स्पाइक्स को रोकने में मदद करता है। ज्वार Gluten मुक्त है।  बाजरा (Pearl Millet) तासीर में गर्म है। सर्दियों में इसका सेवन ज्यादा उपयोगी है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर मोटापा घटाने में मददगार साबित होते हैं। 5 बाजरा में ट्रायप्टोफेन अमीनो एसिड पाया जाता है, जो भूख को कम करता है। इसका सेवन सुबह के नाश्ते में करने से लंबे समय तक आपको भूख नहीं लगती और पेट भरा रहता है। जौ ( Barley) का सेवन करे मोटापे को कम करता है। पाचन को ठीक करता है। पित्त में पथरी  और मधुमेह ठीक करता है। आंत के कैंसर को ठीक करता है।

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